सरकारी स्कूल में खर्च हुए 35 लाख, बहुत बड़ा गोलमाल हुआ : एल. एन. पाराशर

फरीदाबाद 22 सितम्बर। शहर के सरकारी अस्पतालों और सरकारी स्कूलों का हाल अब भी बेहाल है। शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्री के हर दावे खोखले साबित हुए हैं। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एल. एन. पाराशर का। उन्होंने कहा कि वह शहर के तमाम सरकारी स्कूलों में जा चुके हैं और आवाज उठा चुके हैं कि स्कूलों के निर्माण के समय अधिकारियों ने बड़ी लापरवाही की है। स्कूलों की तमाम बिल्ंिडगे बहुत जल्द जर्जर हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल उन्होंने सेहतपुर के सरकारी स्कूल में हुई धांधली को लेकर आवाज उठाई थी। धौज के एक स्कूल को लेकर शिक्षा मंत्री को आइना दिखाया था और अब तक शिक्षा मंत्री कुछ नहीं कर सके। जबकि अब सरकार का कार्यकाल पूरा हो चुका है और जल्द फिर चुनाव होने वाले हैं।

एडवोकेट पाराशर ने कहा कि मुझे सूचना मिली कि फरीदाबाद के संत नगर में एक स्कूल के निर्माण में 35 करोड़ रूपये खर्च किये गए हैं जिसके बाद रविवार को वह मौके पर गये तो देखा स्कूल में इतने पैसे नहीं लगे और जब उन्होंने जानकारी हासिल की तो बताया गया कि गलती से किसी अख़बार में 35 लाख की जगह 35 करोड़ रूपये लिख दिया गया था। पाराशर ने कहा कि स्कूल में 35 लाख भी नहीं लगे हैं। यहां भी अधिकारियों ने बहुत बड़ा गोलमाल किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार विकास के लिए जो धनराशि देती है उस धनराशि में से अधिकतर पैसे भ्रष्ट अधिकारी और निर्माण से जुड़े ठेकेदार खा जाते हैं।

उन्होंने कहा कि फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी बनने की राह में भ्रष्ट अधिकारी ही रोड़ा अटका रहे हैं। जो धनराशि आती है उसे अधिकारी डकार कर पचा ले जा रहे हैं। पाराशर ने कहा कि यही हालत शहर की सरकारी अस्पतालों की है जहां अधिकतर गरीब लोग जाते हैं लेकिन वहां उनका ठीक से इलाज नहीं होता और मजबूरीवश उन्हें निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद में गरीब-मजदूरों की संख्या ज्यादा है जो अधिकतर सरकारी स्कूल और सरकारी अस्पताल पर निर्भर रहते हैं लेकिन इन जगहों पर गरीबों को निराशा मिल रही है क्योंकि न सरकारी स्कूल की हालत सुधर रही है, न ही सरकारी अस्पतालों की और लाखों गरीबों का हाल कोई नेता नहीं समझ पा रहा है।
पाराशर ने कहा कि संत नगर के निर्माणाधीन स्कूल में घोटाले की बू आ रही है और इसके लिए वह जिला उपयुक्त को पत्र लिखूंगा और जांच की मांग करूंगा ताकि भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही की जा सके।

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