फरीदाबाद : यह खबर हर उस आदमी के लिए जरूरी है जो किसी ना किसी सडक़ का उपयोग करता है। कई बार लोग गड्ढे देखते हैं और अपनी गाड़ी बचाकर निकल जाते हैं लेकिन कई मासूम लोग इन गड्ढों की वजह से सडक़ पर गिरते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। उनमें से कई तो इन कातिल गड्ढों से अपनी या परिवार वालों की जान तक भी गवां देते हैं। जिसमें गलती आम आदमी की नहीं होती लेकिन ये गड्ढे जिंदगी भर का दर्द दे जाते हैं।
कई साल पहले 10 फरवरी को बाटा मोड़ नेशनल हाइवे फरीदाबाद पर अपने तीन साल के बच्चे पवित्र को सडक़ के गड्ढों और कुछ अफसरों की लापरवाही के कारण गवां चुके मनोज वाधवा अब इन गड्ढों के प्रति अपनी लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाने का मन बना चुके हैं। उनका कहना है कि वो अपना केस तो कानूनी रूप से जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ लड़ते रहेंगे लेकिन दूसरों की जान गड्ढों से ना जाये! इसलिए सडक़ के गड्ढों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ एक सख्त कानून ही इन कातिल गड्ढों से मुक्ति दिला सकता है।
मनोज वाधवा हर उस आदमी से अपील करते हैं कि इस लड़ाई में अब सामने आना चाहिए। गड्ढों के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ सात साल से संघर्ष कर रहे इस पिता के संघर्ष में अब लोग साथ देने आगे आने लगे हैं। इसी कड़ी में 22 फरवरी को मनोज वाधवा आम आदमी पार्टी के फरीदाबाद इकाई के सदस्यों अरुण और रेनू खट्टर के साथ जाकर आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद सुशील गुप्ता से मुलाकात की। सुशील गुप्ता ने मनोज वाधवा की पूरी बात को बड़े ध्यान से सुना और उन्होंने इसमें कानून बनाने की बात का समर्थन करते हुए आश्वासन दिया कि सडक़ के गड्ढों के खिलाफ ये कानून पूरे देश के हर राज्य में बनना ही चाहिए ताकि सडक़ के गड्ढों के प्रति अफसरों की जवाबदेही तय हो सके।