प्रिन्टर से छाप दिए लाखों रुपये के नकली नोट, ऐसे हुआ खुलासा, 7 गिरफ्तार

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नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से पुलिस ने नकली नोट छापने वाले एक गिरोह को गिरफ्तार किया है। गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि उन्होंने नकली भारतीय नोटों की छपाई में शामिल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग अब तक 15-16 लाख रुपये के नकली नोट छाप चुके हैं।

नकली नोट बनाने का काम कैलाभा में एक घर में चल रहा था। पुलिस ने छापा मारकर 7 लोगों को गिरफ्तार किया है और 6 लाख 59 हजार के नकली नोट बरामद किए हैं। गिरोह के सदस्य यूट्यूब से सीखकर नकली नोट बना रहे थे। यह गिरोह कैलाभा में 8 महीने से सक्रिय था।

पुलिस ने जिन 6.59 लाख रुपये के नकली नोटों को जब्त किया है, उसमें 100 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक के सभी मूल्यवर्ग के नोट शामिल हैं। इसके अलाना 2 प्रिंटर, एक कागज काटने की मशीन और कोरा कागज जब्त किया है। सात आरोपियों की पहचान गाजियाबाद के रहने वाले अमन, आलम, रहबर, फुरकान, आजाद, मोहम्मद यूनुस और सोनू के रूप में हुई है।

ऐसे हुआ मामले का खुलासा : पुलिस ने बताया कि उन्हें शहर में कहीं नकली नोट छापने वाले गिरोह के बारे में सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर एक टीम गठित कर निर्धारित स्थान पर छापेमारी की गई। पटेल ने कहा, ‘तीन लोगों को मौके से पकड़ा गया और उनके खुलासे पर हमने एमडी यूनुस के स्थान पर छापा मारा, जहां पूरे सांठगांठ का पता चला।’

पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड आजाद पाया गया, जिसने मोहम्मद यूनुस और सोनू को नकली नोट छापने का आइडिया दिया। इसके बाद उन्होंने ये काम शुरू किया। बाकी तीनों लोग अमन, आलम और फुरकान नकली नोट की आपूर्ति कर शहर की कई दुकानों में देते थे। पुलिस को पता चला कि गिरोह मई, 2021 में सक्रिय हो गया था और तब से उन्होंने 15-17 लाख रुपये छापे हैं, जिनमें से 11-12 लाख रुपये बाजार में आ चुके हैं।

पुलिस ने कहा, ‘आरोपी बिल्कुल असली जैसे नोट छाप रहे थे, जिससे लोगों के लिए नकली और असली के बीच अंतर करना मुश्किल हो गया था।’ पुलिस ने गिरोह के किसी भी अंतरराष्ट्रीय संबंध से इनकार किया है, हालांकि, कहा है कि जांच अभी भी जारी है।

इससे पहले, 23 दिसंबर को, दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने एक अंतर्राष्ट्रीय सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया था और रैकेट में शामिल दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

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