हिसार ! पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री और 1980 से राजनीति में सक्रिय प्रोफेसर संपत सिंह ने सोमवार को सार्वजनिक रूप से कांग्रेस छोड़ने का एलान कर दिया। पत्रकारवार्ता में उन्होंने कहा कि कांग्रेस में ही बैठे सामंतवादी लोगों ने उनकी राजनीतिक हत्या करने की कोशिश की है। मगर वह इतने कमजोर नहीं हैं। इसलिए अब ऐसा कुछ नहीं बचा है, जिससे वह कांग्रेस में रहे। इसलिए कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श कर कांग्रेस छोड़ने का फैसला ले लिया है। अब कौन सी पार्टी में जाएंगे, इसका फैसला आगामी कुछ दिनों में किया जाएगा। प्रो. संपत ने कहा कि अब उनकी तीन ही प्राथमिकताएं हैं। पहली आदमपुर से कुलदीप बिश्नोई को हराने के लिए प्रयास करना। दूसरी नलवा हलके से प्रत्याशी रणधीर पनिहार की जमानत जब्त करवाना और तीसरी फतेहाबाद से भी कांग्रेस प्रत्याशी को हरवाना। उन्होंने कहा कि भजनलाल परिवार उनकी राजनीति में शुरुआती दिनों से ही खिलाफ रहा है। नलवा से उन्होंने 2009 में जसमा देवी को हराया था। उनके बेटे शायद अपनी मां की हार को आज तक नहीं भूले हैं, इसलिए अब उनका टिकट कटवा दिया।

कांग्रेस छोड़ते ही संपत सिंह ने लगाए गंभीर आरोप !
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